///बीच मझधार में…

बीच मझधार में…

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इस किताब में, आपको मेरे द्वारा लिखे गये कुछ एहसासों का वर्णन मिलेगा। जिन्हें कविता कहाँ जा सकता हैं। किताब का शीर्षक “बीच मझधार में…” हैं, जो अवर्णित एहसासों की कशमकश का सूचक हैं। जैसे एक नाविक जब नाव लेकर निकलता हैं और जल धाराओं के गर्त और उत्थान में, फँस जाता हैं। ऐसे समय में, उसके मन में कई बाते चलती होंगी। कुछ यादे, कुछ शंका, कुछ उम्मीद के मिलजुले समय में वो पार लगने की उम्मीद करता भी हैं और बार बार खो भी देता हैं! ठीक वैसे ही, जीवन में ऐसा समय आता हैं, जब आप आगे बढ़ कर पार लगने की उम्मीद करते भी हैं और खो भी देते हैं। उन पलों में, कुछ यादे…. कैसे आप यहाँ तक पहुचे और क्या क्या आप पर बीती… क्या आपने सीखा…. ये सब के साथ, कुछ दुःख अपने आज के हालात पर… और कुछ पार लगने की शंका…. ये सब कुछ ही तो मन में चलता हैं। ये कविताओं का संग्रह ऐसे ही प्रेम, दर्द, उम्मीद, शंका और यादो को समर्पित हैं।

Title: बीच मझधार में…
Product ID: 124704-1323167-STA-NED-T0-NA-NA-IND-DIY
Format: Paperback
Date of Publication: 24-12-2018
Category:

Description

About The Author

रवि शर्मा अपने जीवन में कई रचनात्मक कार्यो के लिए जाने जाते हैं! बडौत, जो जिला बागपत उत्तर प्रदेश में एक छोटा नगर हैं, वहां से आने वाले ये लेखक विभिन्न वेबसाइट के लिए कंटेंट राइटिंग कर चुके हैं! अपने गीत लिखने के शौक एवं विडियो एडिटिंग के हुनर के साथ साथ रवि के वेब डेवलपर के रूप में भी कार्यरत हैं! यह पुस्तक इनकी प्रथम प्रस्तुति हैं… इसके अलावा रवि शर्मा दो अन्य किताबो पर भी काम कर रहे हैं! कविताओं के प्रति उनका रुझान युवाओं के पसंदीदा कवि डा. कुमार विश्वास जी के कारण बना.. एक रोज जब उनसे भेंट हुई तब ही से, अपनी कविताओं का एक संकलन लोगो के समक्ष रखने का मन हुआ.. जो आज इस किताब के माध्यम से साकार रूप में आप के हाथो में हैं !

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